Notes

समस्त ब्राह्मण ग्रंथों के मध्य ‘शतपथ ब्राह्मण’ सर्वाधिक बृहत्काय है।

समस्त ब्राह्मण ग्रंथों के मध्य ‘शतपथ ब्राह्मण’ सर्वाधिक बृहत्काय है।