Ancient History प्राचीन इतिहास

‘अद्भुत सागर’ ग्रंथ के लेखक कौन है?

‘अनिरूद्ध’ महात्मा बुद्ध के पाँच प्रिय शिष्यों में से एक थे।

‘अनुमाकोंडा’ के हजार स्तम्भों वाले मन्दिर का निर्माण काकतीय शासक रुद्रदेव ने करवाया था।

‘अनुमाकोंडा’ के हजार स्तम्भों वाले मन्दिर का निर्माण किस काकतीय शासक ने करवाया था?

‘अमर सिंह’ किस गुप्त शासक के नौ रत्नों में से एक थे?

‘अशोक’ 269 ईसा पूर्व में शासक बना था।

‘अशोक’ को बौद्ध धर्म में उपगुप्त ने दीक्षित किया था।

‘अशोक’ को बौद्ध धर्म में किसने दीक्षित किया था?

‘अशोक’ शासक कब बना था?

‘अष्टाध्यायी पुस्तक’ के लेखक कौन है?

‘अष्टाध्यायी पुस्तक’ के लेखक पाणिनि है।

‘आर्या सप्तशती’ की रचना किसने की है?

‘आर्या सप्तशती’ की रचना गोवर्धन ने की है।

‘आवूर किलाल’ के अनुसार हाथी के लेटने में जितनी जमीन घिरती, उतनी जमीन में सात लोगों के खाने के लिए अनाज पैदा होता था।

‘इतिहास का पिता’ किसे कहा जाता है?

‘इतिहास का पिता’ हेरोडोटस को कहा जाता है।

‘इतिहास पुराण’ को स्पष्ट रुप से ‘पंचम वेद’ किस उपनिषद् में कहा गया है?

‘ओरुगाल्लु’ (आधुनिक वारंगल) नामक नया शहर काकतीय शासक रुद्रदेव ने बसाया था।

‘कंग्युर’ तथा ‘तंग्युर’ नामक ग्रंथ की रचना किसने की थी?

‘कंग्युर’ तथा ‘तंग्युर’ नामक ग्रंथ की रचना तारानाथ ने की थी।

‘कविराज’ उपनाम से किस परमार शासक को जाना जाता है?

‘कालिदास’ किस गुप्त शासक के नौ रत्नों में से एक थे?

‘कालिदास’ चन्द्रगुप्त द्वितीय के नौ रत्नों में से एक थे।

‘काव्यमीमांसा’ एवं ‘कर्पूरमंजरी’ किसकी प्रसिद्ध कृति है?

‘काव्यमीमांसा’ एवं ‘कर्पूरमंजरी’ राजशेखर की प्रसिद्ध कृति है।

‘कुणाल’ 232 ईसा पूर्व में शासक बना था।

‘केदारेश्वर’ मन्दिर का निर्माण भोज परमार ने कराया था।

‘क्षपणक’ किस गुप्त शासक के नौ रत्नों में से एक थे?

‘गैरिक मृद्भाण्ड’ किस काल से प्राप्त हुआ था?

‘गैरिक मृद्भाण्ड’ ताम्रपाषाण काल से प्राप्त हुआ था।

‘गोत्र’ नामक संस्था का जन्म उत्तरवैदिक काल में हुआ था।

‘गोत्र’ नामक संस्था का जन्म किस काल में हुआ था?

‘घटकर्पर’ किस गुप्त शासक के नौ रत्नों में से एक थे?

‘चचनामा पुस्तक’ के लेखक अली अहमद है।

‘चचनामा पुस्तक’ के लेखक कौन है?

‘चन्द्रगुप्त मौर्य’ ने मौर्य वंश की स्थापना 323 ईसा पूर्व में की थी।

‘चन्द्रगुप्त मौर्य’ ने मौर्य वंश की स्थापना कब की थी?

‘चारूदत्तम’ ग्रंथ के लेखक कौन है?

‘चारूदत्तम’ ग्रंथ के लेखक भास है।

‘जिसने मोक्ष प्राप्त किया हो’ जैन सिद्धों की किस श्रेणी में आता है?

‘जिसने मोक्ष प्राप्त किया हो’ जैन सिद्धों की तीर्थंकर श्रेणी में आता है।

‘जेन्दा अवेस्ता’ नामक ग्रंथ का मूल शिक्षा का सूत्र क्या है?

‘जेन्दा अवेस्ता’ नामक ग्रंथ का मूल शिक्षा का सूत्र सद्-विचार, सद्-वचन तथा सद्-कार्य है।

‘जैन भिक्षु समूह के प्रमुख को’ जैन सिद्धों की आचार्य श्रेणी में रखा गया है।

‘जैन भिक्षु समूह के प्रमुख को’ जैन सिद्धों की किस श्रेणी में रखा गया है?

‘जैन शिक्षक’ को जैन सिद्धों की उपाध्याय श्रेणी में रखा गया है।

‘जैन शिक्षक’ को जैन सिद्धों की किस श्रेणी में रखा गया है?

‘जो निर्वाण प्राप्ति की ओर अग्रसर हो’ जैन सिद्धों की अर्हत श्रेणी में आता है।

‘जो निर्वाण प्राप्ति की ओर अग्रसर हो’ जैन सिद्धों की किस श्रेणी में आता है?

‘टेसियस’ ईरान का राजवैद्य था।

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