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प्रमुख भारतीय उपग्रह

उपग्रह का नाम प्रक्षेपण केन्द्र उद्देश्य
आर्यभट्ट (1975) पूर्व सोवियत संघ का बैंकानूर अन्तरिक्ष केन्द्र वायु विज्ञान प्रयोग, सौर भौतिकी प्रयोग तथा एक्स किरण खगोलिकी प्रयोग।
भास्कर-I (1979) बैंकानूर अन्तरिक्ष केन्द्र जल विज्ञान, हिम गलन, समुद्र विज्ञान एवं वानिकी के क्षेत्र में भू-पर्यवेक्षण अनुसंधान करना।
भास्कर-II (1981) बैंकानूर अन्तरिक्ष केन्द्र समुद्री सतह का ताप, सामुद्रिक स्थिति, बर्फ गिरने एवं पिघलने जैसी घटनाओं का व्यापक विश्लेषण करना।
रोहिणी आर एस-I (1980) श्री हरिकोटा के भारतीय प्रक्षेपण यान (एसएल वी-3) द्वारा इसका मुख्य उद्देश्य भारत के प्रथम उपग्रह प्रक्षेपण यान एसएलवी-3 का परीक्षण करना था।
एप्पल प्रायोगिक संचार उपग्रह (1981) फ्रेंच गुयाना के कोरू अन्तरिक्ष प्रक्षेपण केन्द्र से यूरोपीय अन्तरिक्ष एजेंसी के एरियन-4 प्रक्षेपण यान द्वारा एप्पन से प्राप्त तकनीकी अनुभव ने इनसैट श्रृंखला के निर्माण एवं विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
मेटसैट (कल्पना 1) 12 सितम्बर, 2002 पी एस एल वी (सी-4) द्वारा श्री हरिकोटा से प्रक्षेपण भारत के पहले मौसम उपग्रह को भेजा गया।
रिसोर्स सेट-1 (17 अक्टूबर, 2003) पी एस एल वी (सी-4) द्वारा श्री हरिकोटा से प्रक्षेपण अब तक के सर्वाधिक वजन वाले दूरसंवेदी उपग्रह को देश में ही विकसित PSLV (C-25) द्वारा प्रक्षेपित किया गया।
एडुसैट (EDUSAT) 20 सितम्बर, 2004 सतीश धवन अन्तरिक्ष केन्द्र श्री हरिकोटा (आंध्र प्रदेश) से GSLV(F-01) द्वारा प्रक्षेपित यह दूरस्थ शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए स्वदेश निर्मित प्रथम शैक्षणिक उपग्रह है।
कार्टो सेट-1 (5 मई, 2005) श्री हरिकोटा से PSLVC-6 से प्रक्षेपित देश के पहले मानचित्रण कार्यों हेतु प्रयुक्त उपग्रह (मैपिंग सैटेलाइट) का प्रक्षेपण
इसरो का 100वाँ मिशन 9 सितम्बर, 2012 को PSLV (C-21) के द्वारा फ्रांस के उपग्रह SPOT-6 एवं जापान के एक माइक्रो उपग्रह ‘प्रोइटेरेस’ को प्रक्षेपित किया गया
चन्द्रयान-1 (22 अक्टूबर, 2008) सतीश धवन अन्तरिक्ष केन्द्र श्री हरिकोटा से PSLV-C11 यान द्वारा प्रक्षेपित चन्द्रमा पर भेजा जाने वाला भारत का पहला मानवरहित चन्द्र अभियान था।
IRNSS-1A (1 जुलाई, 2013) सतीश धनव अन्तरिक्ष केन्द्र श्री हरिकोटा से PSLV-(C-22) रॉकेट द्वारा प्रक्षेपित भारतीय क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली की स्थापना, यह अमेरिकी जी पी एस की तर्ज पर काम करेगा, इस क्रम में 7 उपग्रह भेजने की इसरो की योजना है।
मार्स आर्बिटर मिशन (मंगलयान) 5 नवम्बर, 2013 श्री हरिकोटा से PSLV C-25 रॉकेट द्वारा प्रक्षेपित भारत का प्रथम मंगल अभियान 24 सितम्बर, 2014 को मंगल पर उपग्रह के स्थापना के साथ ही भारत विश्व में अपने प्रथम प्रयास में ही सफल होने वाला पहला देश बन गया है। यह उपग्रह मंगल ग्रह पर जीवन की संभावनाओं का अध्ययन करेगा।
वर्ष 2014 GSAT-14 (5 जनवरी, 2014) श्री हरिकोटा से GSLV-D5 के द्वारा प्रक्षेपित 1980 किग्रा. व‍जन का संचार उपग्रह, जिसमें स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन का प्रथमतः सफल प्रयोग हुआ।
GSAT-16 (7 दिसम्बर, 2014) फ्रेंच गुयाना के कौरु प्रक्षेपण केन्द्र से एरियन-5 रॉकेट द्वारा प्रक्षेपित यह भारत का 24वाँ संचार उपग्रह है। यह अपने साथ कुल 48 संचार ट्रांसपोण्डर ले गया है।
जी सैट-6 (27 मार्च, 2015) श्री हरिकोटा से SLV C-D-6 यह उपग्रह संचार के बारे में बताएगा।
IRNSS-1G श्री हरिकोटा से PSLV-C-33 यह उपग्रह नेवीगेशन के बारे में बताएगा।
कार्टोसैट 22 जून, 2016 श्री हरिकोटा से PSLV-C-34 यह उपग्रह दूरसंवेदी है।
मौसम उपग्रह स्कैटसेट-1 (26 सितम्बर, 2016) श्री हरिकोटा से PSLV-35 रॉकेट द्वारा प्रक्षेपित यह उपग्रह मौसम, सुनामी और भूकम्प जैसी आपदाओं की भविष्यवाणी में मदद करेगा।
दूरसंचार उपग्रह जीसैट-18 (6 अक्टूबर, 2016) फ्रेंच गुयाना के कोरू स्पेसपोर्ट से रॉकेट एरियन-5 द्वारा प्रक्षेपित यह उपग्रह भारत के लिए 15 साल तक टेली कम्युनिकेशिन सर्विस देगा।
IRNSS-H (2 सितम्बर, 2017) श्री हरिकोटा से PSLV-C-39 रॉकेट द्वारा प्रक्षेपित यह उपग्रह नेवीगेशन/ग्लोबल पोजिशनिंग के बारे में बताएगा।
GSAT-6A (29 मार्च, 2018) श्री हरिकोटा से GSLV-F08 रॉकेट द्वारा प्रक्षेपित यह उपग्रह संचार के बारे में बताएगा।
GSAT-7A (19 दिसम्बर, 2018) श्री हरिकोटा से GSLV-F11 रॉकेट द्वारा प्रक्षेपित यह सैनिक उपग्रह है।
Microsat-R श्री हरिकोटा से PSLV-C44 यह उपग्रह पृथ्वी के सर्वेक्षण के बारे में बताएगा।
Kalam SAT (23 जनवरी, 2019) रॉकेट द्वारा प्रक्षेपित यह विद्यार्थी उपग्रह है।
GSAT-31 (6 फरवरी, 2019) श्री हरिकोटा से GSLV-F-11 तथा एरियन 5-VCA रॉकेट द्वारा प्रक्षेपित यह दूरसंचार उपग्रह है।
EMISAT (01 अप्रैल, 2019) श्री हरिकोटा से PSLV-C-45 रॉकेट द्वारा प्रक्षेपित यह उपग्रह इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम को मापेगा।
चन्द्रयान-2 (22 जुलाई, 2019) श्री हरिकोटा से GSLV-मार्क-3M-1 यह चन्द्रमा पर पानी एवं विभिन्न खनिजों की उपस्थिति का प्रमाण जुटाएगा।
27 नवम्बर, 2019 श्री हरिकोटा से PSLV-C47 रॉकेट द्वारा प्रक्षेपित यह एक वाणिज्य उपग्रह है।