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वाटर सिल्क की संरचना एवं जीवन चक्र …

वाटर सिल्क की संरचना एवं जीवन चक्र –
(1) वाटर सिल्क साफ जल में पाया जाने वाला शैवाल है जो हरे-पीले रंग का होता है।
(2) इसे स्पाइरोगायरा एवं पोण्ड सिल्क भी कहा जाता है।
(3) स्पाइरोगायरा प्लान्टी जगत का शैवाल है एवं इसका उपजगत थैलोफाइटा है।
(4) वाटर सिल्क में कायिक जनन विखण्डन द्वारा होता है।
(5) वाटर सिल्क की कोशिका भित्ती के बाह्य स्तर का निर्माण पेक्टोस द्वारा एवं आन्तरिक स्तर का निर्माण सैल्यूलोस द्वारा होता है।
(6) वाटर सिल्क की कोशिका में 1 से 16 तक सर्पिलाकार हरितलवक उपस्थित होते है।
(7) वाटर सिल्क नामक शैवाल में लैंगिक जनन की क्रिया संयुग्मन के द्वारा पूर्ण होती है।