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उत्तराखंड के धार्मिक व दर्शनीय स्थल (एक नजर)
स्थल | प्रसिद्ध |
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नैनीताल | तीन ओर पर्वतों से घिरी पर्वतीय नगरी, भीमताल, सातताल, नौकुचिया ताल, खुरपाताल दर्शनील स्थल |
मसूरी (देहरादून) | पर्वतीय स्थानों की रानी, लाल बहादुर शास्त्री प्रशिक्षण संस्थान अकादमी स्थित |
रानीखत (अल्मोड़ा) | पुष्पों के उद्यान, चीड़ के वन, गोल्फ कोर्स हेतु प्रसिद्ध |
हरिद्वार | संस्कृत साहित्य में मायापुरी या मायाक्षेत्र नाम से प्रसिद्ध, अनेकानेक मन्दिर, हरि की पौड़ी में स्नान का विशेष महत्व |
ऋषिकेश (हरिद्वार) | रमणीक एवं तीर्थ स्थान, अनेकानेक मन्दिर |
लैंसडाउन (पौड़ी गढ़वाल) | बद्रीनाथ खण्ड के दर्शनीय हिम शिखर |
चकराता (देहरादून) | हिम शिखरों के दर्शन हेतु शान्त व स्वास्थ्यदायक स्थान |
कटारमल (अल्मोड़ा) | बारहवीं सदी का ‘सूर्य मन्दिर’ |
कनखल (हरिद्वार) | दशेश्वर महादेव का मन्दिर, हनुमान जी का मन्दिर |
तपोवन (टिहरी गढ़वाल) | लक्ष्मणजी की तपस्थली, लक्ष्मण मन्दिर, लक्ष्मण झूला, गंगा के तट पर स्वार्गाश्रम स्थित |
नन्दा देवी (चमोली) | प्रति बारहवें वर्ष भाद्र सुदी सात को धार्मिक आयोजन |
पिंडारी ग्लेशियर (बागेश्वर) | रंग-बिरंगे फूल, आकर्षेक हिमराशि व सुरम्य वन, पिंडर नदी का उद्गम स्थल |
गंगोत्री (उत्तरकाशी) | गंगोत्री मन्दिर, गौगुख गंगा का उद्गम स्थल, भागीरथी मन्दिर, पाण्डवों द्वारा प्रायश्चित स्वरुप किया गया यज्ञस्थल |
यमुनोत्री (उत्तरकाशी) | यमुना मन्दिर के निकट गर्म जल के स्त्रोत, सूर्यकुण्ड के निकट दिव्यशिला, हनुमान गंगा और टोंस नदियों का जल निर्गम क्षेत्र |
कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान (नैनीताल) | प्राकृतिक सौन्दर्य एवं वन्य प्राणियों हेतु प्रसिद्ध |
पूर्णागिरि (नैनीताल) | पवित्र मठिया, जहां देवीजी की मूर्ति विराजमान, चैत्र माह में मेला |
कण्वाश्रम (गढ़वाल) | नया नाम ‘चौकाघाट’ कण्वाश्रम में नन्दगिरी तक का क्षेत्र संसारिक भोग एवं मोक्ष प्रदायक |