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उपकलीय संवेदांग संरचना के आधार पर एक प्रकार का संवेदी अंग है जिसमें संवेदी कोशिकाएँ रूपान्तरित एपिथीलियमी कोशिकाएँ होती है …
उपकलीय संवेदांग संरचना के आधार पर एक प्रकार का संवेदी अंग है जिसमें संवेदी कोशिकाएँ रूपान्तरित एपिथीलियमी कोशिकाएँ होती है। ये कोशिकाएँ ऐसे तन्त्रिका तन्तु से सम्बन्धित रहती है जो केन्द्रीय तन्त्रिका तन्तु के पास रहती है।
उदाहरण – प्रकाशग्राही, स्वादग्राही एवं श्रवणग्राही।