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रिचर्ड-दुशमान समीकरण की खोज ओ डबल्यू रिचर्डसन ने सन् 1901 में की …

रिचर्ड-दुशमान समीकरण की खोज ओ डबल्यू रिचर्डसन ने सन् 1901 में की। रिचर्ड-दुशमान समीकरण के अनुसार,
J = AT2e-Ø/kT (ऐम्पियर/मी2)
या
J = AT2e-b/T
जहाँ A एक स्थिरांक T उत्सर्जक का केल्विन पैमाने पर ताप, k बोल्ट्जमान नियतांक Ø कार्य फलन है।
यहाँ A व b दिये गये तन्तु के लिये नियतांक हैं। इस समीकरण के अनुसार T के बढ़ने पर संतृप्त धारा i का मान चित्रानुसार बढ़ता है।