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पृष्ठाधरी पत्ती की संवहन पूल …

पृष्ठाधरी पत्ती की संवहन पूल में संवहन बण्डल नियमित रूप से स्पंजी मृदूतक में बिखरे नहीं रहते हैं अर्थात वह कही भी बिखरे रहते हैं, संवहन पूल संयुक्त, बहिफ्लोयमी तथा बन्द होते हैं। पौधों में स्थित जाइलम ऊपरी बाह्य त्वचा की ओर स्थित होता है तथा फ्लोयम निचली बाह्य त्वचा की ओर स्थित होता है।