Notes

जैनधर्म के त्रिरत्न सम्यक् दर्शन, सम्यक् ज्ञान, और सम्यक् आचरण है।

जैनधर्म के त्रिरत्न सम्यक् दर्शन, सम्यक् ज्ञान, और सम्यक् आचरण है।