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हीनयान और महायान में अंतर

हीनयान सम्प्रदाय महायान सम्प्रदाय
हीनयान महात्मा बुद्ध द्वारा स्थापित मूल धर्म था। महायान इसका संशोधित रुप था।
ये महात्मा बुद्ध को एक महापुरुष मानते हैं। ये महात्मा बुद्ध की देवतुल्य उपासना करते थे।
ये बोधिसत्व में विश्वास नहीं करते हैं। ये बोधिसत्व में विश्वास करते हैं।
इनकी धार्मिक ग्रन्थ पालि भाषा में है। इनकी धार्मिक ग्रन्थ संस्कृत भाषा में है।
ये संन्यासी जीवन पर बल देते हैं। ये गृहस्थ जीवन पर बल देते हैं।
ये लोग मूर्ति पूजा में विश्वास नहीं करते हैं। महायान शाखा के अंतर्गत बुद्ध की पहली मूर्ति बनी तथा ईश्वर के रुप में पूजने की परंपरा यहीं से शुरु हुई थी।
हीनयान सम्प्रदाय प्रधानतः दार्शनिक है। महायान सम्प्रदाय शुद्धतः धार्मिक सम्प्रदाय है।