Table
फसलों के प्रमुख कीट
फसल का नाम | क्षति | रोकथाम |
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धान की गन्धी | दूधिया बालियों के रस चूसते हैं। | 10% बी.एच.सी. |
धान की बंका | पत्तियों को खाने के साथ-साथ पत्तियों का खोल बनाती है। | 10% बी.एच.सी. |
तना छेदक (धान एवं मक्का) | ये तने को छेदकर अन्दर ही अन्दर खाती हैं। | कार्बोफ्यूरॉन |
कपास का फुदंका | पत्तियों के रस को चूसते हैं। | 30% फास्फेमिडान |
दीमक तथा मुझिया (गेहूँ) | रात्रि में उगते पौधों को जमीन के पास से काटती हैं। | एल्ड्रिन, बी.एच.सी. |
चने का फली छेदक | ये फली के अन्दर दाने को खाती हैं। | इन्डोसल्फान, मैलाथियान |
गन्ने का दीमक | गन्ने की आँखों को क्षति पहुंचाते हैं। | एल्ड्रिन 5% |
पायरिला (गन्ना) | पत्तियों की निचली सतह से रस चूसता है। | बी.एच.सी. 10% मैलाथियान थायोडान |
माहूं (सरसों) | शिशु तथा प्रौढ़ दोनों पत्तियों तथा फूल से रस चूसते हैं जिससे फल नहीं लगते हैं। | मिथाइल डेमेटान |
हिस्पा (धान) | कीट तथा लार्वा पत्तियों से खुरचकर खाता है जिससे पत्तियों पर सफेद समान्तर रेखाएं बन जाती हैं। | बी.एच.सी. 50% घोल इन्डोसल्फान पैराथियान |
धान की बाल काटने वाला कीट (जैविक कीट) | कीट की सूड़ियाँ रातों रात धान की बालियाँ काटकर गिरा देती हैं। | क्लोरोपाइरोफास, पैराथियान या इन्डोसल्फज्ञन का घोल तथा फसल पर छिड़कना |
सरसों की आरा मक्खी | पत्तियाँ खाती हैं। | 10% बी.एच.सी. चूर्ण या 2% पैराथियान घोल का प्रयोग |
व्हाइट मूल | आलू के कन्द (tuber) को प्रभावित करता है। | फोरेट ग्रेन्यूल का प्रयोग करना चाहिए। |
गन्ना भेदक | गन्ने को भेदकर अन्दर ही अन्दर गूदा खाता है। | बी.एच.सी. या थायोडान का छिड़काव करना चाहिए। |
मक्का का लाल मुडली | पौधे को काटकर खाता है। यह कोमल अवस्था में खाता है। | बी.एच.सी. या पैराथियान का छिड़काव |