Table
बंगाल के गवर्नर जनरल
नाम | काल | मुख्य घटनाएँ |
---|---|---|
वारेन हेस्टिंग्स | 1774-1785 ई. | कौसिल और सुप्रीम कोर्ट से झगड़ा, प्रथम मराठा और द्वितीय मैसूर युद्ध, पिट्स का इण्डिया अधिनियम। एशियाटिक सोसायटी की स्थापना, सुरक्षा प्रकोष्ठ या रिग फेंस की नीति, बंगाल में द्वैत-शासन की समाप्ति, कलकत्ता में उच्च न्यायालय की स्थापना, महभियोग |
सर जॉन मैकफर्सन | 1785-1786 ई. | अस्थायी गवर्नर जनरल |
लॉर्ड कॉर्नवालिस | 1786-1793 ई. | अदालतों, भूमि कर और नौकरियों में सुधार, तृतीय मैसूर युद्ध, बंगाल में स्थायी बंदोबस्त प्रणाली की शुरुआत, सिविल सेवा का सृजन, न्यायिक संगठन की स्थापना, जिलों में पुलिस थाना की स्थापना कार्नवालिस कोट का निर्माण |
सर जॉन शोर | 1793-1798 ई. | अहस्तक्षेप की नीति, देशी राज्यों में फ्रांसीसियों के षड्यंत्र। |
लॉर्ड वेलेजली | 1798-1805 ई. | सहायक संधियां, चतुर्थ मैसूर युद्ध, द्वितीय और तृतीय मराठा युद्ध, सहायक संधि करने वाले राज्य-हैदराबाद, मैसूर तंजौर, अवध, पेशवा, बरार एवं भोंसले, सिधिंया आदि। 1800 ई. में फोर्ट विलियम कॉलेज की स्थापना की गई परन्तु नागरिक सेवा में भर्ती युवकों के प्रशिक्षण में ज्यादा व्यय के कारण 1806 ई. में इंग्लैंड के हेलीबरी ईस्ट कॉलेज की स्थापना की गई। |
लॉर्ड कॉर्नवालिस | 1805 ई. | इसकी कब्र गाजीपुर (उ.प्र.) में है। |
सर जॉर्ज बार्लो | 1805-1807 ई. | मराठों से नई संधियां एवं बंगलौर में सिपाही विद्रोह |
लॉर्ड मिण्टो | 1807-1813 ई. | सीमांत राज्यों से संधियां एवं फ्रांसीसियों के उपनिवेश पर अधिकार। |
मार्क्विस ऑफ हेस्टिंग्स | 1813-1823 ई. | गोरखा युद्ध, पिंडारियों का दमन, मराठों की शक्ति का अन्त, शिक्षा को राजकीय सहायता, अदालतों में सुधार, तृतीय आंग्ल-मराठा युद्ध, आंग्ल नेपाल युद्ध। |
लॉर्ड एमहर्स्ट | 1823-1828 ई. | बर्मा का प्रथम युद्ध, बैरकपुर की छावनी (सैनिक कैम्प) में 1824 में विद्रोह। |
लॉर्ड विलियम बेंटिक | 1828-1833 ई. | ठगी प्रथा का अंत, राजाराम मोहन राय के सहयोग से सती प्रथा का अंत, भारतवासियों की ऊंचे पदों पर नियुक्ति, मैसूर का अंग्रेजी राज्य में विलय। |