Table
आर्थिक विकास के सिद्धांत एवं प्रतिपादन
आर्थिक विकास के सिद्धांत | प्रतिपादन |
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दोहरी अर्थव्यवस्था का सिद्धांत | सर आर्थर लुईस |
क्रांतिक न्यूनतम प्रचलन सिद्धांत | लिवेस्टीन |
निम्न संतुलन पास सिद्धांत | नेल्सन |
बिग-पुश सिद्धांत | रोजेस्टीनरोदन |
संतुलित विकास का सिद्धांत | रैग्नर नर्स्की |
चक्रीय कार्यकरण सिद्धांत | गुन्नार मिर्डल |
द्वैतीय सिद्धांत | जे. एच. बुके |
ब्राह्म मितव्ययिताओं का सिद्धांत | प्रो. मार्शल |
क्रय शक्ति समता सिद्धांत | गुस्ताव कैसल |
श्रम की असीमित पूर्ति का सिद्धांत | लुइस |
सामाजिक लेखांकन का सिद्धांत | रिचर्ड स्टोन |
राष्ट्रीय आय एवं आर्थिक कल्याण की व्याख्या | प्रो. मार्शल |
उपभोक्ता की प्रारम्भिक बचत | ए. जे. ड्यूपिट |
विकुचित माँग वक्र | पाल स्वीजी |
शिशु उद्योग तर्क | फ्रेडरिक क्रिस |
सामाजिक उत्पादकता सिद्धांत | हेन्स |
‘टेक ऑफ स्टेज’ अवधारणा | रोस्टोव |
अनधिमान वक्रों का सर्वप्रथम प्रयोग | एजवर्थ |
अनधिमान वक्र विश्लेषण | जे. आर. हिक्स |
ब्याज की तरलता अधिमान सिद्धांत | जे. एम. कीन्स |
ब्याज की उधार देय कोष सिद्धांत | विकसैल |
लाभ का नव प्रवर्तन सिद्धांत | जोसफ शुम्पीटर |
विकास का सिद्धांत | दादा भाई नौरोजी |
संतुलित विकास तथा प्रच्छन्न बेरोजगारी का सिद्धांत | रेगनर नर्क्स |
असंतुलित विकास का सिद्धांत | हर्शमैन |
सोशल वेलफेयर एण्ड क्लेक्टिव च्वायस | ए. के. सेन |
भुगतान सामर्थ्य दृष्टिकोण | एडम स्मिथ |
इष्टतम करारोपण का सिद्धांत | आर्थर लैफर |
मूल्य वर्धित कर (VAT) न्यूनतम त्याग का सिद्धांत | वान सीमेन्स, जे. एस. मिल |
कार्यात्मक वित्त का सिद्धांत | ए. पी. लर्नर |
अधिकतम सामाजिक कल्याण का सिद्धांत | डाल्टन पीगू |
कर देय क्षमता | क्लार्क |
जीरो बेस बजटिंग | पीटर पायर |
व्यय कर | केल्डार |