मण्डलम | प्रांत |
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कोट्टम | कमिश्नरी |
नाडु | जिला |
कुर्टम | ग्रामों का संघ |
Month: April 2023
पल्लव कला एवं वास्तुकला
पल्लव कला एवं वास्तुकला | |
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द्रविड़ शैल | पल्लवों के नेतृत्व में द्रविड़ शैली का विकास चार चरणों में हुआ था। |
महेन्द्र शैली | इसके अन्तर्गत कठोर पाषाण को काटकर गुहा मन्दिरों का निर्माण हुआ जिन्हें (मण्डप शैली) मण्डप कहा जाता है। जैसे-मक्कोंडा मंदिर, अनंतेश्वर मंदिर। |
नरसिंह शैली (मामल्लशैली) | इस शैली का विकास नरसिंहवर्मन प्रथम मामल्ल के काल में हुआ था। इसमें रथ या एकशिलाखंडीय (एकाश्म मंदिर) हैं जो मामल्लपुरम में पाये जाते हैं। ये सप्त पैगोडा के नाम से जाने जाते हैं किन्तु वास्तव में आठ हैं-धर्मराज, अर्जुन, भीम, सहदेव, द्रौपदी, गणेश, पिदारी एवं वालायान कुट्टीय। |
राजसिंह शैली | इसके अन्तर्गत गुहा मन्दिरों के स्थान पर पाषाण, ईंट की सहायता से इमारती मन्दिरों का निर्माण किया गया। इस शैली का प्रयोग नरसिंह वर्मन द्वितीय ने किया था। महाबलीपुरम का तट, ईश्वर तथा मुकुंद मंदिर, कांची का कैलाशनाथ मंदिर एवं ऐरावतेश्वर मंदिर। |
नंदिवर्मन शैली | इस शेली के अन्तर्गत अपेक्षाकृत छोटे मन्दिर निर्मित हुए। इसका प्रयोग नंदिवर्मन द्वितीय ने किया था। जैसे-कांची के मुक्तेश्वर मंदिर, बैकुण्ठपेरुमल मंदिर आदि। |
त्रिपक्षीय संघर्ष में भाग लेने वाले राजा
गूर्जर प्रतिहार | राष्ट्रकूट | पाल |
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वत्सराज (783-795 ई.) | ध्रुव (779-793 ई.) | धर्मपाल (770-819 ई.) |
नाग भट्ट द्वितीय (795-833 ई.) | गोविन्द तृतीय (793-814 ई.) | देवपाल (819-855 ई.) |
राम भट्ट (833-836 ई.) | अमोघवर्ष (814-878 ई.) | विग्रहपाल (855-860 ई.) |
मिहिर भोज (836-885 ई.) | कृष्ण (878-914 ई.) | नारायणपाल (860-915 ई.) |
महेन्द्रपाल (885-910 ई.) |
हर्षवर्द्धन के समय महत्वपूर्ण अधिकारी
हर्षवर्द्धन के समय महत्वपूर्ण अधिकारी | |
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सिंहनाद | मुख्य सेनापति |
अमात्य | मंत्रिपरिषद् के मंत्री |
उपरिक | भुक्ति का प्रशासक |
दण्डपाशिक | पुलिस अधिकारी |
वृहदेश्वर | अश्व सेना का अधिकारी |
बलाधिकृत | पैदल सेना का अधिकारी |
स्कंदगुप्त | गजसेना का मुख्य अधिकारी |
कुंतल | अश्वसेना का प्रधान अधिकारी |
अवंती | शांति एवं युद्ध का मंत्री |
गुप्तकाल की प्रमुख भुक्तियां (प्रांत)
प्रांत | क्षेत्र |
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अवन्ति | पश्चिमी मालवा |
एरण | पूर्वी मालवा |
तीर भुक्ति | उत्तरी बिहार |
पुण्ड्रवर्धन | उत्तरी बंगाल |
वर्द्धमान | उत्तरी बंगाल |
मगध | पश्चिम बिहार |
गुप्तकाल के अधिकारी एवं विभाग
अधिकारी | विभाग |
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हरिषेण | यह समुद्रगुप्त की संधि विग्रहिक एवं महादण्डनायक था, इसी ने प्रयाग प्रशस्ति की रचना की थी। |
वीरसेन शैव | चन्द्रगुप्त द्वितीय का संधि विग्रहिक |
शिखर स्वामी | चन्द्रगुप्त द्वितीय का मंत्री एवं कुमारामात्य |
पृथ्वीषेण | कुमारगुप्त का मंत्री एवं कुमारामात्य |
आम्रकार्दव | चन्द्रगुप्त द्वितीय का सेनापति |
गुप्तकालीन महत्वपूर्ण मंदिर
मंदिर | स्थान |
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विष्णु मंदिर | तिगवा (जबलपुर, मध्य प्रदेश) |
शिव मंदिर | भूमरा (नागौद, मध्य प्रदेश) |
पार्वती मंदिर | नचना-कुठार (मध्य प्रदेश) |
दशावतार मंदिर | देवगढ़ (झांसी, उत्तर प्रदेश) |
शिव मंदिर | खोह (नागौद, मध्य प्रदेश) |
भितरगाँव का मंदिर | भितरगांव (कानपुर, उत्तर प्रदेश) |
लक्ष्मण मंदिर (ईटों द्वारा निर्मित) |
गुप्तकालीन रचनाएँ एवं रचनाकार
रचनाकार | रचनाएँ |
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विष्णु शर्मा | पंचतंत्र |
कालिदास | मालविकाग्निमित्रम्, विक्रमोर्शीयम्, मेघदूत, अभिज्ञानशाकुन्तलम्, (दुष्यंत एवं शकुंतला की प्रेमकथा) कुमारसंभव, ऋतुसंहार, रघुवंश महाकाव्य। |
भौमिक | रावाणार्जुनीयम्। |
विशाखदत्त | मुद्राराक्षस, देवीचन्द्रगुप्तम्। |
भारवि | किरातार्जुनीयम्। |
वत्स भट्टि | रावणवध। |
भास | स्वप्नवासवदत्तम्, चारुदत्तम। |
अमर सिंह | अमरकोश। |
शूद्रक | मृच्छकटिकम् (मिट्टी की खिलौनागाड़ी) |
वराहमिहिर | वृहत्संहिता,पंचसिद्धान्तिका। |
ब्रह्मगुप्त | ब्रह्म सिद्धान्त। |
राजशेखर | काव्यमीमांसा। |
वाणभट्ट | अष्टांग हृदय (चिकित्सा से सम्बन्धित) |
वाणभट्ट | हर्षचरित। |
धन्वन्तरि | शल्यशास्त्र (चिकित्सा से सम्बन्धित) |
गुप्तकालीन आर्थिक शब्दावली
गुप्तकालीन आर्थिक शब्दावली | |
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भाग | राजा को भूमि उत्पादन से प्राप्त होने वाला हिस्सा |
भोग | राजा को उपचार स्वरुप मिलने वाला कर |
उदरंग | स्थाई काश्तकारों के लिए कर |
उपरिकर | अस्थाई कृषकों के लिए कर |
हिरण्य | द्रव्य (नकद) रुप से किया जाने वाला कर |
विष्टि | निःशुल्क या बेगार श्रम |
दीनार | स्वर्णमुद्राएं |
अग्रहार | मंदिरों एवं ब्राह्मणों को दान की जाने वाली भूमि |
चन्द्रगुप्त द्वितीय के पदाधिकारी
चन्द्रगुप्त द्वितीय के पदाधिकारी | |
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उपरिक | प्रांत का राज्यपाल |
कुमारामात्य | प्रशासनिक अधिकारी |
दण्डपाशिक | पुलिस विभाग का प्रधान |
महादण्डनायक | मुख्य न्यायाधीश |
बलाधिकृत | सैन्य कोष का अधिकारी |
महाप्रतिहार | मुख्य दौवारिक |