ईथर

‘ईथर’ का रासायनिक नाम क्या है?

‘ईथर’ का रासायनिक नाम डाइथाईल इथर है।

ईथर का जल अपघटन करने पर ऐल्कोहॉल प्राप्त होता है।

ईथर का जल अपघटन करने पर क्या प्राप्त होता है?

ईथर के द्वारा ऐल्कोहॉल का निर्माण ईथर को जल या तनु सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ अभिकृत करने पर होता है।

ईथर के द्वारा ऐल्कोहॉल का निर्माण कैसे होता है?

ईथर के द्वारा फेनिल मैग्नीशियम क्लोराइड कैसे प्राप्त होता है?

ईथर के द्वारा फेनिल मैग्नीशियम क्लोराइड क्लोरोबेन्जीन को ईथर के साथ क्रिया कराने पर प्राप्त होता है।

ईथर को जल के साथ अभिकृत करने पर ऐल्कोहॉल का निर्माण होता है।

ईथर को जल के साथ अभिकृत करने पर किसका निर्माण होता है?

ईथर को तनु सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ अभिकृत करने पर ऐल्कोहॉल का निर्माण होता है।

ईथर को तनु सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ अभिकृत करने पर किसका निर्माण होता है?

ईथर क्या है?

ईथर में C—O—C क्रियात्मक समूह होता है …

एल्किल हैलाइडों का उपयोग ऐल्कोहॉल, ईथर एवं ऐमीन आदि के निर्माण में होता है।

ऐरोमेटिक हैलोजन यौगिक की सोडियम व ईथर की उपस्थिति में ऐल्किल हैलाइड से अभिक्रिया को क्या कहते है?

ऐरोमेटिक हैलोजन यौगिक की सोडियम व ईथर की उपस्थिति में ऐल्किल हैलाइड से अभिक्रिया को वुर्ट्ज-फिटिग अभिक्रिया कहते है।

ऐल्किल हैलाइड के द्वारा ईथर का निर्माण ऐल्किल हैलाइड को शुष्क सिल्वर ऑक्साइड के साथ क्रिया कराने पर होता है।

ऐल्किल हैलाइड के द्वारा ईथर का निर्माण कैसे होता है?

ऐल्किल हैलाइड को ऐल्कॉक्साइड के साथ क्रिया कराने पर ईथर का निर्माण होता है।

ऐल्किल हैलाइड को शुष्क सिल्वर ऑक्साइड के साथ क्रिया कराने पर ईथर का निर्माण होता है।

ऐल्कॉक्साइड के द्वारा ईथर का निर्माण ऐल्किल हैलाइड को ऐल्कॉक्साइड के साथ क्रिया कराने पर होता है।

ऐल्कॉक्साइड के द्वारा ईथर का निर्माण कैसे होता है?

ऐल्कोहॉल का ऐल्कलीकरण करने पर ईथर का निर्माण होता है।

ऐल्कोहॉल को 140°C पर सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ क्रिया कराने पर ईथर का निर्माण होता है।

क्लोरोबेन्जीन को ईथर के साथ क्रिया कराने पर क्या प्राप्त होता है?

क्लोरोबेन्जीन को ईथर के साथ क्रिया कराने पर फेनिल मैग्नीशियम क्लोराइड प्राप्त होता है।

क्लोरोबेन्जीन को शुष्क ईथर के साथ वुर्ट्ज-फिटिंग अभिक्रिया में क्रिया कराने पर टॉलूईन प्राप्त होता है।

डाइमेथिल ईथर किस समावयवी का उदाहरण है?

डाइमेथिल ईथर क्रियात्मक समावयवी का उदाहरण है।

पोटैशियम सल्फाइड ईथर में अविलेय होता है।

शुष्क ईथर के द्वारा टॉलूईन क्लोरोबेन्जीन को शुष्क ईथर के साथ वुर्ट्ज-फिटिंग अभिक्रिया में क्रिया कराने पर प्राप्त होता है।

हाइगेन्स के सिद्धान्त के अनुसार माध्यम ईथर की प्रत्यास्थता अधिक होती है।

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