वृहदारण्यक

अहम-ब्रह्मास्मि, पुनर्जन्म सिद्धांत का वर्णन वृहदारण्यक में है।

याज्ञवलक्य गार्गी संवाद का वृहदारण्यक में वर्णन है।

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