विषय

1935 के भारत सरकार अधिनियम के अन्तर्गत केन्द्र और इकाईयों के बीच राज्य सूची में 54 विषय थे।

1935 के भारत सरकार अधिनियम के अन्तर्गत केन्द्र और इकाईयों के बीच राज्य सूची में कितने विषय थे?

1935 के भारत सरकार अधिनियम के अन्तर्गत केन्द्र और इकाईयों के बीच संघीय सूची में 59 विषय थे।

1935 के भारत सरकार अधिनियम के अन्तर्गत केन्द्र और इकाईयों के बीच संघीय सूची में कितने विषय थे?

1935 के भारत सरकार अधिनियम के अन्तर्गत केन्द्र और इकाईयों के बीच समवर्ती सूची में 36 विषय थे।

1935 के भारत सरकार अधिनियम के अन्तर्गत केन्द्र और इकाईयों के बीच समवर्ती सूची में कितने विषय थे?

74वें संविधान संशोधन अधिनियम की 12वीं अनुसूची में 18 विषयों को रखा गया है।

आर्थिक नियोजन विषय ‘समवर्ती सूची’ में है।

उपनिषद् के मुख्य विषय का प्रतिपादन ब्रह्मविद्या है।

कार्य सलाहकार समिति विभिन्न विषयों पर चर्चा के लिए समय का निर्धारण करती है।

पंचायती राज विषय ‘राज्य सूची’ में है।

पंचायतों के अधिकार क्षेत्र में 29 विषयों को रखा गया है।

पंचायतों के अधिकार क्षेत्र में कितने विषयों को रखा गया है?

पुलिस, न्याय, स्थानीय स्वशासन, कृषि, सिंचाई आदि विषयों को ‘राज्य सूची’ में रखा गया है।

पुष्यभूति वंश के शासक हर्षवर्धन के विषय में हमें व्यापक जानकारी बाणभट्ट द्वारा लिखित हर्षचरित पुस्तक से मिलती है।

भारत के संविधान की 11वीं अनुसूची में 29 विषय है।

भारत के संविधान की दसवीं अनुसूची में दल-बदल विरोधी कानून विषय का प्रावधान है।

भूमि सुधार राज्य सूची के विषय के अन्तर्गत है।

मण्डल आयोग किस विषय की जांच के लिए स्थापित किया गया था?

मुद्रा, प्रतिरक्षा, बैंक, नागरिकता आदि विषय को ‘संघ सूची’ में रखा गया है।

मूल संविधान में क्षेत्रीय महत्व के 66 विषय राज्य सूची में थे, अब उनकी संख्या 61 है।

मूल संविधान में समवर्ती सूची के अन्तर्गत विषयों की संख्या 47 थी, अब यह संख्या 52 है।

वर्तमान में ‘राज्य सूची’ में 66 विषय है।

वर्तमान में ‘संघ सूची’ में 97 विषय है।

वर्तमान में ‘समवर्ती सूची’ में 47 विषय है।

वर्तमान में राज्य सूची में कितने विषय है?

वर्तमान में संघ सूची में कितने विषय है?

वर्तमान में समवर्ती सूची में कितने विषय है?

विवाह, संविद श्रम, कल्याण, आर्थिक व सामाजिक योजना जैसे विषय ‘समवर्ती सूची’ के अन्तर्गत आते है।

विषय (जिला) विषयपति के अधीन होता था।

वैष्णव धर्म के विषय में प्रारंभिक जानकारी उपनिषदों से मिलती है।

सामाजिक सुरक्षा एवं सामाजिक बीमा विषय ‘समवर्ती सूची’ में आते है।

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