स्रोत

ऋग्वेद के चातुष्वर्ण्य समाज की कल्पना का आदि स्रोत 10वें मंडल में है।

जैन धर्मानुसार ज्ञान के तीन स्रोत प्रत्यक्ष, अनुमान एवं तीर्थंकरों के वचन हैं।

जैन धर्मानुसार ज्ञान के तीन स्रोत हैं।

प्राचीन भारतीय इतिहास के स्रोत हैं, पुरातात्विक स्रोत, साहित्यिक स्रोत एवं विदेशी यात्रियों के विवरण।

महात्मा बुद्ध के तैत्तिरीय उपनिषद् के स्रोत का सम्बन्ध अष्टांगिक मार्ग से है।

वामनावतार के तीन पगों के आख्यान का प्राचीनतम स्रोत ऋग्वेद में है।

सल्तनत काल में मुस्लिम कानून के चार स्रोत कुरान, हदीस, इजमा एवं कयास थे।

सल्तनत काल में मुस्लिम कानून के चार स्रोत कौन-कौन थे?

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