शुक्ल यजुर्वेद

यजुर्वेद के दो भागों का नाम कृष्ण यजुर्वेद एवं शुक्ल यजुर्वेद है।

शतपथ ब्राह्मण शुक्ल यजुर्वेद का ब्राह्मण ग्रन्थ है।

शुक्ल यजुर्वेद की मुख्य शाखाएं दो हैं।

शुक्ल यजुर्वेद की मुख्य शाखाओं का नाम माध्यनिदन तथा काण्व है।

शुक्ल यजुर्वेद की संहिताओं को वाजसनेय कहा गया है।

शुक्ल यजुर्वेद के द्रष्टा वाजसेनी के पुत्र याज्ञवल्क्य थे।

शुक्ल यजुर्वेद में कुल 40 अध्याय हैं।

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