मास

‘मास’ किस पारितंत्र में पायी जाने वाली वनस्पति है?

‘मास’ टुण्ड्रा पारितंत्र में पायी जाने वाली वनस्पति है।

एन्यूरिन के स्त्रोत अनाज, फलियाँ, सोयाबीन, दूध, यीस्ट, अण्डे एवं मांस आदि है।

कीलोसिस रोग से बचने के लिए पनीर, अण्डे, यीस्ट, हरी पत्तियाँ, माँस एवं जिगर आदि का सेवन करना चाहिए।

गाय के माँस में सबसे अधिक वसा पायी जाती है।

चर्म रोग से बचने के लिए माँस, अनाज, मूँगफली, चॉकलेट, टमाटर एवं गन्ने आदि का सेवन करना चाहिए।

डर्मेटाइटिस रोग से बचने के लिए यीस्ट, माँस, जिगर, मछली, अण्डे, दूध, मटर, मेवा एवं फलियाँ आदि का सेवन करना चाहिए।

निकोटिनिक अम्ल का मुख्य स्त्रोत यीस्ट, माँस, जिगर, मछली, अण्डा, दूध, मटर, मेवा एवं फलियाँ आदि है।

निकोटिनिक अम्ल की पूर्ती के लिए यीस्ट, माँस, जिगर, मछली, अण्डे, दूध, मटर, मेवा एवं फलियाँ आदि का सेवन करना चाहिए।

नियासिन का मुख्य स्त्रोत यीस्ट, माँस, जिगर, मछली, अण्डा, दूध, मटर, मेवा एवं फलियाँ आदि है।

पर्नीसियस एनीमिया रोग से बचने के लिए यकृत के तेल, पनीर, दूध, माँस, मछली एवं अण्डे आदि का सेवन करना चाहिए।

पाइरीडॉक्सिन की पूर्ती के लिए दूध, यीस्ट, अनाज, माँस, जिगर एवं मछली आदि का सेवन करना चाहिए।

पाइरीडॉक्सिन के स्त्रोत दूध, यीस्ट, अनाज, माँस, जिगर एवं मछली आदि है।

पेलाग्रा रोग से बचने के लिए यीस्ट, माँस, जिगर, मछली, अण्डे, दूध, मटर, मेवा एवं फलियाँ आदि का सेवन करना चाहिए।

पैन्टोथीनिक अम्ल की पूर्ती के लिए जिगर, माँस, दूध, टमाटर, मूँगफली, गन्ने एवं अण्डे आदि का सेवन करना चाहिए।

पैन्टोथीनिक अम्ल के स्त्रोत जिगर, माँस, दूध, टमाटर, मूँगफली एवं अण्डे आदि है।

प्रतिदिन आवश्यक कोबाल्ट का स्त्रोत दूध, पनीर एवं माँस आदि है।

प्रतिदिन आवश्यक क्रोमियम का स्त्रोत यीस्ट, समुद्री भोजन, माँस एवं कुछ सब्जियाँ आदि है।

प्रतिदिन आवश्यक गन्धक के स्त्रोत अण्डा, माँस, पनीर, मछली एवं सेम आदि है।

प्रतिदिन आवश्यक जिंक का स्त्रोत अनाज, दूध, अण्डा, माँस एवं समुद्री भोजन आदि है।

प्रतिदिन आवश्यक ताँबे का स्त्रोत माँस, मेवा, फलियाँ, हरी सब्जियाँ, समुद्री भोजन, अण्डा एवं मछली आदि है।

प्रतिदिन आवश्यक पोटैशियम के स्त्रोत माँस, दूध, अनाज, फल एवं सब्जियाँ आदि है।

प्रतिदिन आवश्यक फॉस्फोरस के स्त्रोत दूध, माँस एवं अनाज आदि है।

प्रतिदिन आवश्यक लौह का स्त्रोत माँस, अण्डा, फलियाँ, अनाज एवं हरी सब्जियाँ आदि है।

प्रतिदिन आवश्यक सेलीनियम का स्त्रोत माँस, अनाज, अण्डा एवं समुद्री भोजन आदि है।

फोलासीन का स्त्रोत हरी पत्तीदार सब्जियाँ, यीस्ट, केला, दाल, फूलगोभी, माँस, मछली एवं अण्डा आदि है।

फोलिक अम्ल की पूर्ती के लिए यीस्ट, माँस, जिगर, मछली, अण्डे, दूध, मटर, मेवा एवं फलियाँ आदि का सेवन करना चाहिए।

बायोटिन की पूर्ती के लिए माँस, गेहूँ, मूँगफली, चॉकलेट, सब्जी, फल, यीस्ट एवं अण्डे आदि का सेवन करना चाहिए।

बायोटिन के स्त्रोत माँस, गेहूँ, मूँगफली, चॉकलेट, सब्जी, फल, यीस्ट एवं अण्डे आदि है।

माँस में 2 से 10 प्रतिशत वसा पायी जाती है।

माँस में 8 से 20 प्रतिशत प्रोटीन पाया जाता है।

माँस में कितने प्रतिशत प्रोटीन पाया जाता है?

माँस में कितने प्रतिशत वसा पायी जाती है?

मैक्रोसाइटिक रक्ताल्पता रोग से बचने के लिए हरी पत्तीदार सब्जियों, यीस्ट, केला, दालों, फूलगोभी, माँस एवं यकृत का तेल आदि का सेवन करना चाहिए।

राइबोफ्लेविन के स्त्रोत पनीर, अण्डे, यीस्ट, हरी सब्जियाँ, माँस एवं जिगर आदि है।

राइबोफ्लैविन की पूर्ती के लिए पनीर, अण्डे, यीस्ट, हरी पत्तियाँ, माँस एवं जिगर आदि का सेवन करना चाहिए।

वसा के मुख्य स्त्रोत घी, मक्खन, बादाम, पनीर, अण्डा, माँस, सोयाबीन एवं सभी वनस्पति तेल आदि है।

विटामिन-B1 के स्त्रोत अनाज, फलियाँ, सोयाबीन, दूध, यीस्ट, अण्डे एवं मांस आदि है।

विटामिन-B12 की पूर्ती के लिए माँस, मछली, जिगर, अण्डे, दूध एवं आँत के जीवाणु आदि का सेवन करना चाहिए।

विटामिन-B12 के स्त्रोत यकृत का तेल, पनीर, दूध, माँस, मछली एवं अण्डा आदि है।

विटामिन-B2 के स्त्रोत पनीर, अण्डे, यीस्ट, हरी सब्जियाँ, माँस एवं जिगर आदि है।

विटामिन-B3 का मुख्य स्त्रोत यीस्ट, माँस, जिगर, मछली, अण्डा, दूध, मटर, मेवा एवं फलियाँ आदि है।

विटामिन-B3 की पूर्ती के लिए यीस्ट, माँस, जिगर, मछली, अण्डे, दूध, मटर, मेवा एवं फलियाँ आदि का सेवन करना चाहिए।

विटामिन-B5 की पूर्ती के लिए जिगर, माँस, दूध, टमाटर, मूँगफली, गन्ने एवं अण्डे आदि का सेवन करना चाहिए।

विटामिन-B6 की पूर्ती के लिए दूध, यीस्ट, अनाज, माँस, जिगर एवं मछली आदि का सेवन करना चाहिए।

विटामिन-B6 के स्त्रोत दूध, यीस्ट, अनाज, माँस, जिगर एवं मछली आदि है।

विटामिन-B9 का स्त्रोत हरी पत्तीदार सब्जियाँ, यीस्ट, केला, दाल, फूलगोभी, माँस, मछली एवं अण्डा आदि है।

विटामिन-B9 की पूर्ती के लिए यीस्ट, माँस, जिगर, मछली, अण्डे, दूध, मटर, मेवा एवं फलियाँ आदि का सेवन करना चाहिए।

विटामिन-H की पूर्ती के लिए माँस, गेहूँ, मूँगफली, चॉकलेट, सब्जी, फल, यीस्ट एवं अण्डे आदि का सेवन करना चाहिए।

विटामिन-H के स्त्रोत माँस, गेहूँ, मूँगफली, चॉकलेट, सब्जी, फल, यीस्ट एवं अण्डे आदि है।

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