काली खांसी

DPT वेक्सीन का प्रयोग डिफ्थीरिया, पर्टुसिस या काली खाँसी एवं टिटनेस रोग के उपचार में किया जाता है।

DPT वेक्सीन का प्रयोग डिफ्थीरिया, पर्टुसिस या काली खाँसी एवं टिटनेस रोगों के रोकथाम के लिए किया जाता है।

DPT वेक्सीन डिफ्थीरिया, पर्टुसिस या काली खाँसी एवं टिटनेस जैसे रोगों के रोकथाम के लिए दी जाती है।

काली खांसी एक स्पर्श से फैलने वाला रोग है जो बैक्टीरियम बार्जीटैसा द्वारा फैलाया जाता है।

काली खाँसी का संक्रमण किसके द्वारा होता है?

काली खाँसी का संक्रमण रोगी के सीधे सम्पर्क के द्वारा होता है।

काली खाँसी किस जीवाणु के कारण होता है?

काली खाँसी की रोकथाम DPT के टीकों के द्वारा की जाती है।

काली खाँसी की रोकथाम किसके द्वारा की जाती है?

काली खांसी क्या है?

काली खाँसी रोग के उपचार के लिए DPT वेक्सीन का प्रयोग किया जाता है।

काली खाँसी रोग के रोकथाम के लिए DPT वेक्सीन का प्रयोग किया जाता है।

काली खाँसी रोग के रोकथाम के लिए DPT वेक्सीन दी जाती है।

काली खाँसी रोग के लक्षण क्या है?

काली खाँसी रोग के लक्षण जल की छोटी बूँदों द्वारा प्रारम्भ में जलन, खाँसी एवं ज्वर आदि है।

काली खाँसी, बार्डेटेला पर्टुसिस (Bordetella pertussis) जीवाणु के कारण होता है।

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बार्डेटेला पर्टुसिस जीवाणु के द्वारा काली खाँसी रोग होता है।

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