अंतःकरण व धर्म को अबाध रुप से मानने

अंतःकरण व धर्म को अबाध रुप से मानने, आचरण व प्रचार करने की स्वतंत्रता भारतीय संविधान के अनुच्छेद-25 के अन्तर्गत आते है।

अंतःकरण व धर्म को अबाध रुप से मानने, आचरण व प्रचार करने की स्वतंत्रता भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के अन्तर्गत आते है?

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