जिगर

ऑस्टियोमैलेसिया रोग से बचने के लिए मक्खन, जिगर, मछली का तेल, गुर्दों, अण्डे, सूर्य के प्रकाश एवं दूध का सेवन करना चाहिए।

कीलोसिस रोग से बचने के लिए पनीर, अण्डे, यीस्ट, हरी पत्तियाँ, माँस एवं जिगर आदि का सेवन करना चाहिए।

कुंठित वृद्धि रोग से बचने के लिए पीली एवं हरी पत्तीदार सब्जियों, गाजर, पपीता, आम, मक्का, दूध, मक्खन, जिगर एवं घी आदि का सेवन करना चाहिए।

कैल्सीफेरॉल की पूर्ती के लिए मक्खन, जिगर, मछली का तेल, गुर्दे, अण्डे सूर्य के प्रकाश का सेवन करना चाहिए।

डर्मेटाइटिस रोग से बचने के लिए यीस्ट, माँस, जिगर, मछली, अण्डे, दूध, मटर, मेवा एवं फलियाँ आदि का सेवन करना चाहिए।

निकोटिनिक अम्ल का मुख्य स्त्रोत यीस्ट, माँस, जिगर, मछली, अण्डा, दूध, मटर, मेवा एवं फलियाँ आदि है।

निकोटिनिक अम्ल की पूर्ती के लिए यीस्ट, माँस, जिगर, मछली, अण्डे, दूध, मटर, मेवा एवं फलियाँ आदि का सेवन करना चाहिए।

नियासिन का मुख्य स्त्रोत यीस्ट, माँस, जिगर, मछली, अण्डा, दूध, मटर, मेवा एवं फलियाँ आदि है।

नैफ्थोक्विनोन की पूर्ती के लिए हरी पत्तियाँ, अण्डा, जिगर, टमाटर, गोभी, सोयाबीन एवं आँत के बैक्टीरिया आदि का सेवन करना चाहिए।

नैफ्थोक्विनोन के स्त्रोत हरी पत्तियाँ, अण्डा, जिगर, टमाटर, गोभी, सोयाबीन एवं आँत के बैक्टीरिया आदि है।

पाइरीडॉक्सिन की पूर्ती के लिए दूध, यीस्ट, अनाज, माँस, जिगर एवं मछली आदि का सेवन करना चाहिए।

पाइरीडॉक्सिन के स्त्रोत दूध, यीस्ट, अनाज, माँस, जिगर एवं मछली आदि है।

पेलाग्रा रोग से बचने के लिए यीस्ट, माँस, जिगर, मछली, अण्डे, दूध, मटर, मेवा एवं फलियाँ आदि का सेवन करना चाहिए।

पैन्टोथीनिक अम्ल की पूर्ती के लिए जिगर, माँस, दूध, टमाटर, मूँगफली, गन्ने एवं अण्डे आदि का सेवन करना चाहिए।

पैन्टोथीनिक अम्ल के स्त्रोत जिगर, माँस, दूध, टमाटर, मूँगफली एवं अण्डे आदि है।

फिल्लोक्विनोन के स्त्रोत हरी पत्तियाँ, अण्डा, जिगर, टमाटर, गोभी, सोयाबीन एवं आँत के बैक्टीरिया आदि है।

फोलिक अम्ल की पूर्ती के लिए यीस्ट, माँस, जिगर, मछली, अण्डे, दूध, मटर, मेवा एवं फलियाँ आदि का सेवन करना चाहिए।

रिकेट्स रोग से बचने के लिए मक्खन, जिगर, मछली का तेल, गुर्दों, अण्डे, सूर्य के प्रकाश एवं दूध का सेवन करना चाहिए।

विटामिन-B12 की पूर्ती के लिए माँस, मछली, जिगर, अण्डे, दूध एवं आँत के जीवाणु आदि का सेवन करना चाहिए।

विटामिन-B3 का मुख्य स्त्रोत यीस्ट, माँस, जिगर, मछली, अण्डा, दूध, मटर, मेवा एवं फलियाँ आदि है।

विटामिन-B3 की पूर्ती के लिए यीस्ट, माँस, जिगर, मछली, अण्डे, दूध, मटर, मेवा एवं फलियाँ आदि का सेवन करना चाहिए।

विटामिन-B5 की पूर्ती के लिए जिगर, माँस, दूध, टमाटर, मूँगफली, गन्ने एवं अण्डे आदि का सेवन करना चाहिए।

विटामिन-B6 की पूर्ती के लिए दूध, यीस्ट, अनाज, माँस, जिगर एवं मछली आदि का सेवन करना चाहिए।

विटामिन-B6 के स्त्रोत दूध, यीस्ट, अनाज, माँस, जिगर एवं मछली आदि है।

विटामिन-B9 की पूर्ती के लिए यीस्ट, माँस, जिगर, मछली, अण्डे, दूध, मटर, मेवा एवं फलियाँ आदि का सेवन करना चाहिए।

विटामिन-D की पूर्ती के लिए मक्खन, जिगर, मछली का तेल, गुर्दे, अण्डे सूर्य के प्रकाश का सेवन करना चाहिए।

विटामिन-K की पूर्ती के लिए हरी पत्तियाँ, अण्डा, जिगर, टमाटर, गोभी, सोयाबीन एवं आँत के बैक्टीरिया आदि का सेवन करना चाहिए।

विटामिन-K के स्त्रोत हरी पत्तियाँ, अण्डा, जिगर, टमाटर, गोभी, सोयाबीन एवं आँत के बैक्टीरिया आदि है।

सायनोकोबालएमीन की पूर्ती के लिए माँस, मछली, जिगर, अण्डे, दूध एवं आँत के जीवाणु आदि का सेवन करना चाहिए।

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