कुण्डली

4 सेमी त्रिज्या की वृत्तीय कुण्डली में 50 फेरें है …

4 सेमी त्रिज्या की वृत्तीय कुण्डली में 50 फेरें है। उसमें 2A की धारा प्रवाहित हो रही है। इसे 0.1 वेबर/मी के चुम्बकीय क्षेत्र में रखकर माध्य स्थिति में 180° घुमाने में किया गया कार्य कितना होगा?

4 सेमी त्रिज्या की वृत्तीय कुण्डली में 50 फेरें है। उसमें 2A की धारा प्रवाहित हो रही है। इसे 0.1 वेबर/मी के चुम्बकीय क्षेत्र में रखकर माध्य स्थिति में 180° घुमाने में किये गये कार्य का मान कितना होगा?

5 हेनरी की चोक कुण्डली में प्रवाहित धारा 2 ऐम्पियर/सेकण्ड से घटती है, तो कुण्डली पर उत्पन्न विद्युत वाहक बल 10 वोल्ट है।

5 हेनरी की चोक कुण्डली में प्रवाहित धारा 2 ऐम्पियर/सेकण्ड से घटती है, तो कुण्डली पर उत्पन्न विद्युत वाहक बल क्या है?

50 चक्कर वाली एक वृत्ताकार कुण्डली की त्रिज्या 3 सेमी है …

50 चक्कर वाली एक वृत्ताकार कुण्डली की त्रिज्या 3 सेमी है, कुण्डली का क्षेत्रफल, चुम्बकीय क्षेत्र के साथ लम्ब दिशा में है, चुम्बकीय क्षेत्र B का मान 0.1 टेस्ला से 0.35 टेस्ला 2 मिली सेकण्ड तक बढ़ता है, तो प्रेरित विद्युत वाहक बल का औसत मान कुण्डली में कितना होगा?

8.4 mH प्रेरकत्व व 6 Ω प्रतिरोध की एक कुण्डली 12 V की बैटरी से जुड़ी है। कुण्डली में 1 A धारा जिस समय प्रवाहित होगी वह कितना होगा?

8.4 mH प्रेरकत्व व 6 Ω प्रतिरोध की एक कुण्डली 12 V की बैटरी से जुड़ी है। कुण्डली में 1 A धारा जिस समय प्रवाहित होगी वह लगभग 1 मिली सेकण्ड होगा।

एक अपचयी ट्रांसफॉर्मर में 5000 और 500 फेरे हैं। प्राथमिक कुण्डली में 2200 वोल्ट पर पर 4 ऐम्पियर की प्रत्यावर्ती धारा भेजी जाती है। द्वितियक कुण्डली में धारा का मान 40 ऐम्पियर होगा।

एक अपचयी ट्रांसफॉर्मर में 5000 और 500 फेरे हैं। प्राथमिक कुण्डली में 2200 वोल्ट पर पर 4 ऐम्पियर की प्रत्यावर्ती धारा भेजी जाती है। द्वितियक कुण्डली में धारा का मान कितना होगा?

एक आयताकार कुण्डली में से i धारा प्रवाहित हो रही है …

एक इलेक्ट्रॉन AB रेखा के अनुदिश गति करता है, रेखा AB कुण्डली के ही समतल में है, जैसा कि चित्र में दिखाया गया है। कुण्डली में यदि प्रेरित धारा उत्पन्न होती है, तो उसकी दिशा इलेक्ट्रॉन के गुजरने पर धारा की दिशा बदल जाएगी।

एक इलेक्ट्रॉन AB रेखा के अनुदिश गति करता है, रेखा AB कुण्डली के ही समतल में है, जैसा कि चित्र में दिखाया गया है। कुण्डली में यदि प्रेरित धारा उत्पन्न होती है, तो उसकी दिशा कैसी होगी?

एक ट्रांसफॉर्मर का प्रयोग 220 V से 11 V घटाने में किया जाता है। प्राथमिक कुण्डली में 5 A धारा तथा द्वितीयक कुण्डली में 90 A धारा बहती है, तो ट्रांसफॉर्मर की दक्षता 90 प्रतिशत होगी।

एक ट्रांसफॉर्मर का प्रयोग 220 V से 11 V घटाने में किया जाता है। प्राथमिक कुण्डली में 5 A धारा तथा द्वितीयक कुण्डली में 90 A धारा बहती है, तो ट्रांसफॉर्मर की दक्षता कितनी होगी?

एक वृत्ताकार कुण्डली में तार के 500 फेरे हैं और उसकी त्रिज्या 5 सेमी है। इस कुण्डली का स्वप्रेरण गुणांक का मान कितना होगा?

एक वृत्ताकार कुण्डली में तार के 500 फेरे हैं और उसकी त्रिज्या 5 सेमी है। इस कुण्डली का स्वप्रेरण गुणांक का मान लगभग 25 मिलीहेनरी होगा।

एक वृत्ताकार धारावाही कुण्डली की त्रिज्या R है। इसके अक्ष पर कितनी दूरी पर चुम्बकीय क्षेत्र केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र के मान का 1/8 होगा?

किसी कुण्डली में फ्लक्स ϕ = 6t² – 5t + 1 के अनुसार परिवर्तित होते हैं, तो 0.25 सेकण्ड पर प्रेरित वैद्युत धारा का मान 0.2 ऐम्पियर होगा, यदि कुण्डली का प्रतिरोध 10 ओम हो।

किसी कुण्डली में फ्लक्स ϕ = 6t² – 5t + 1 के अनुसार परिवर्तित होते हैं, तो 0.25 सेकण्ड पर प्रेरित वैद्युत धारा का मान क्या होगा?

कुण्डली का स्वप्रेरकत्व किसकी माप है?

कुण्डली का स्वप्रेरकत्व कुण्डली में बहने वाली धारा के विरोध करने की क्षमता की माप है।

कुण्डली के अन्योन्य प्रेरकत्व को M से प्रदर्शित किया जाता है।

कुण्डली के अन्योन्य प्रेरकत्व को किससे प्रदर्शित किया जाता है?

यदि किसी क्षण पर प्राथमिक कुण्डली में बहने वाली धारा I1 है, तब द्वितीयक कुण्डली में सम्बद्ध फ्लक्स …

यदि किसी क्षण पर प्राथमिक कुण्डली में बहने वाली धारा I1 है, तब द्वितीयक कुण्डली में सम्बद्ध फ्लक्स क्या होगा?

यदि किसी क्षण पर प्राथमिक कुण्डली में बहने वाली धारा I1 है, तब द्वितीयक कुण्डली में सम्बद्ध फ्लक्स ज्ञात करने का सूत्र …

यदि किसी क्षण पर प्राथमिक कुण्डली में बहने वाली धारा I1 है, तब द्वितीयक कुण्डली में सम्बद्ध फ्लक्स ज्ञात करने का सूत्र क्या होगा?

वह ट्रांसफॉर्मर जिसमें उपस्थित द्वितियक कुण्डली में फेरों की संख्या प्राथमिक कुण्डली में फेरों की संख्या से अधिक होती है, उसे उच्चायी ट्रांसफॉर्मर कहते है।

वह ट्रांसफॉर्मर जिसमें उपस्थित द्वितियक कुण्डली में फेरों की संख्या प्राथमिक कुण्डली में फेरों की संख्या से अधिक होती है, उसे क्या कहते है?

वह ट्रांसफॉर्मर जिसमें उपस्थित द्वितियक कुण्डली में फेरों की संख्या प्राथमिक कुण्डली में फेरों की संख्या से कम होती है, उसे अपचायी ट्रांसफॉर्मर कहते है।

वह ट्रांसफॉर्मर जिसमें उपस्थित द्वितियक कुण्डली में फेरों की संख्या प्राथमिक कुण्डली में फेरों की संख्या से कम होती है, उसे क्या कहते है?

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