‘आकाश के तारे’ रचना के साहित्यकार कन्हैया लाल मिश्र प्रभाकर है।
‘जिन्दगी मुस्कराई’ रचना के साहित्यकार कन्हैया लाल मिश्र प्रभाकर है।
‘दीप जले शंख बजे’ रचना के साहित्यकार कन्हैया लाल मिश्र प्रभाकर है।
‘भूले बिसरे चेहरे’ रचना के साहित्यकार कन्हैया लाल मिश्र प्रभाकर है।
‘माटी हो गई सोना’ रचना के साहित्यकार कन्हैया लाल मिश्र प्रभाकर है।