केन्द्रीय परमाणु पर लगे विद्युत-ऋणात्मक तत्वों की संख्या कम होगी तो अम्लीय प्राबलता कैसी होगी?
वह अभिक्रिया जिसमें किसी पदार्थ से विद्युत ऋणात्मक तत्व का पृथक्करण होता है, उस अभिक्रिया को अपचयन अभिक्रिया कहते है।