यजुर्वेद

ऋग्वेद, यजुर्वेद तथा सामवेद को ‘वेदत्रयी’ या ‘त्रयी’ भी कहा जाता है।

ऋग्वेद, यजुर्वेद तथा सामवेद को और क्या कहा जाता है?

ऋग्वेद, सामवेद तथा यजुर्वेद इन तीनों वेदों को क्या कहा जाता है?

ऋग्वेद, सामवेद तथा यजुर्वेद इन तीनों वेदों को वेदत्रयी या त्रयी कहा जाता है।

कर्मकाण्ड प्रधान वेद यजुर्वेद है।

कृष्ण यजुर्वेद के मंत्र छन्दबद्ध कहलाते हैं।

कृष्ण यजुर्वेद के वाक्य गद्यात्मक कहलाते हैं।

चारों वेदो के नाम ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद एवं अथर्ववेद हैं।

यजुर्वेद एक ऐसा वेद है जो गद्य एवं पद्य दोनों में पाया जाता है।

यजुर्वेद का उच्चारण अध्वुर्यु पुरोहित द्वारा किया जाता था।

यजुर्वेद का उच्चारण किस पुरोहित द्वारा किया जाता था?

यजुर्वेद का उपवेद क्या है?

यजुर्वेद का उपवेद धनुर्वेद है।

यजुर्वेद के कितने भाग हैं?

यजुर्वेद के दो भाग हैं।

यजुर्वेद के दो भागों का क्या नाम है?

यजुर्वेद के दो भागों का नाम कृष्ण यजुर्वेद एवं शुक्ल यजुर्वेद है।

यजुर्वेद के पाठकर्ता को अध्वर्यु कहते है।

यजुर्वेद के पाठकर्ता को क्या कहते है?

यजुर्वेद में ‘यजुष’ शब्द का क्या अर्थ है?

यजुर्वेद में ‘यजुष’ शब्द का यज्ञ अर्थ है।

यजुर्वेद में ब्राह्मण ग्रंथों की संख्या 2 है।

यजुर्वेद में ब्राह्मण ग्रंथों की संख्या कितनी है?

राजसूय एवं वाजपेय यज्ञ का पहली बार उल्लेख यजुर्वेद में हुआ है।

वेदांग ज्योतिष के ऋग्वेद एवं यजुर्वेद से सम्बन्धित कितने ग्रंथ हैं?

वेदांग ज्योतिष के ऋग्वेद एवं यजुर्वेद से सम्बन्धित ग्रंथों के नाम आचार्य ज्योतिष एवं याजुष ज्योतिष है।

वेदांग ज्योतिष के ऋग्वेद एवं यजुर्वेद से सम्बन्धित ग्रंथों के नाम क्या है?

वेदांग ज्योतिष के ऋग्वेद एवं यजुर्वेद से सम्बन्धित दो ग्रंथ हैं।

सस्वर पाठ के लिए मंत्रों तथा बलि के समय अनुपालन के लिए नियमों का संकलन यजुर्वेद कहलाता है।

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