सामवेद

ऋग्वेद, यजुर्वेद तथा सामवेद को ‘वेदत्रयी’ या ‘त्रयी’ भी कहा जाता है।

ऋग्वेद, यजुर्वेद तथा सामवेद को और क्या कहा जाता है?

ऋग्वेद, सामवेद तथा यजुर्वेद इन तीनों वेदों को क्या कहा जाता है?

ऋग्वेद, सामवेद तथा यजुर्वेद इन तीनों वेदों को वेदत्रयी या त्रयी कहा जाता है।

गायी जा सकने वाली ऋचाओं का संकलन सामवेद में मिलता है।

चारों वेदो के नाम ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद एवं अथर्ववेद हैं।

ताण्ड्य ब्राह्मण सामवेद का सर्वप्र‍मुख ब्राह्मण ग्रन्थ है।

भारत में संगीत का प्रारम्भिक उदाहरण ऋग्वेद एवं सामवेद के गीत थे।

भारतीय संगीत का जनक सामवेद को माना जा सकता है।

विभिन्न प्रकार के संगीत वाद्यों का विवरण सामवेद से प्राप्त होता है।

सामवेद का अर्थ संगीत या ज्ञान होता है।

सामवेद का उपवेद क्या है?

सामवेद का उपवेद गंन्धर्ववेद है।

सामवेद का सर्वप्र‍मुख ब्राह्मण ग्रन्थ कौन-सा है?

सामवेद की प्रमुख शाखाएं कौथुमीय, जैमिनीय एवं राणायनीय हैं।

सामवेद की प्रमुख शाखाएं कौन-कौन सी हैं?

सामवेद के दो मुख्य भाग आर्चिक एवं गान हैं।

सामवेद के दो मुख्य भाग कौन-कौन से हैं?

सामवेद के पाठकर्ता को उद्रातृ कहते है।

सामवेद के प्रथम द्रष्टा किसे माना जाता है?

सामवेद के प्रथम द्रष्टा वेदव्यास के शिष्य जैमिनी को माना जाता है।

सामवेद के मंत्रो को गाने वाले उद्गाता कहलाते हैं।

सामवेद के मंत्रो को गाने वाले क्या कहलाते हैं?

सामवेद को भारतीय संगीत का जनक कहा जाता है।

सामवेद में कुल 1549 ऋचायें हैं।

सामवेद में कुल कितनी ऋचायें हैं?

सामवेद में ब्राह्मण ग्रंथों की संख्या 8 है।

सामवेद में ब्राह्मण ग्रंथों की संख्या कितनी है?

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