ऋषि

अत्रि पंचम मंडल के ऋषि थे।

अथर्ववेद की रचना अथर्वा ऋषि ने की थी।

ऋग्वेद की ऋचाओं के पढ़ने वाले ऋषि को ‘होतृ’ कहते है।

गृत्समद् द्वितीय मंडल के ऋषि थे।

दक्षिण भारत में आर्य संस्कृति अगस्त्य ऋषि ने फैलाई थी।

ब्रह्मा ने कुछ ऋषियों को मंत्रों का प्रकाश दिया था।

भारद्वाज षष्ठ मंडल के ऋषि थे।

वशिष्ठ सप्तम मंडल के ऋषि थे।

वामदेव चतुर्थ मंडल के ऋषि थे।

विश्वामित्र तृतीय मंडल के ऋषि थे।

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