कनिष्क

The famous scholar Nagarjuna was patronized by Kanishka.

अश्वघोष कनिष्क शासक की राजसभा में थे।

कनिष्क 78 ईसवी में राजा बना था।

कनिष्क कब राजा बना था?

कनिष्क का पुरोहित संघरक्ष था।

कनिष्क का शासनकाल 127 ईसवी से 150 ईसवी तक था।

कनिष्क का शासनकाल कब से कब तक था?

कनिष्क किस धर्म का अनुयायी था?

कनिष्क किस वंश का शासक था?

कनिष्क की एक सिर रहित मूर्ति कहां मिली है?

कनिष्क की एक सिर रहित मूर्ति मथुरा में मिली है।

कनिष्क की द्वितीय राजधानी क्या थी?

कनिष्क की द्वितीय राजधानी मथुरा थी।

कनिष्क की राजधानी पुरूषपुर (पेशावर) थी।

कनिष्क की सबसे महत्वपूर्ण विजय चीन के किन-किन स्थानों पर हुई थी?

कनिष्क की सबसे महत्वपूर्ण विजय चीन के यारकंद, खेतान तथा काशगर स्थानों पर हुई थी।

कनिष्क कुषाण वंश का शासक था।

कनिष्क के शासनकाल में कला की मथुरा शैली तथा गांधार शैली प्रसिद्ध थी।

कनिष्क के सिक्के किस भाषा में थे?

कनिष्क के सिक्के यूनानी एवं ईरानी भाषा में थे।

कनिष्क के सिक्कों से उसका किस धर्म का अनुयायी होना प्रामाणित होता है?

कनिष्क के सिक्कों से उसका बौद्ध धर्म का अनुयायी होना प्रामाणित होता है।

कनिष्क को बौद्ध धर्म में अश्वघोष ने दीक्षित किया था।

कनिष्क को बौद्ध धर्म में किसने दीक्षित किया था?

कनिष्क ने कश्मीर विजय के बाद वहां कनिष्कपुर नगर बसाया था।

कनिष्क ने कश्मीर विजय के बाद वहां कौन सा नगर बसाया था?

कनिष्क ने किस उपाधि को धारण किया था?

कनिष्क ने किस शासक को हराया था?

कनिष्क ने देवपुत्र की उपाधि को धारण किया था।

कनिष्क ने पाटलिपुत्र के शासक को हराकर वहां से क्या-क्या सा‍थ लेकर आया था?

कनिष्क ने पाटलिपुत्र के शासक को हराकर वहां से विद्वान अश्वघोष को, बुद्ध का भिक्षापात्र एवं एक अनोखा मुर्गा साथ लाया था।

कनिष्क ने पाटलिपुत्र शासक को हराया था।

कनिष्क ने शक संवत् 78 ईसवी में शुरू किया था।

कनिष्क ने शक संवत् कब शुरू किया था?

कनिष्क ने शक संवत् का प्रारम्भ 78 ईसवी में किया था।

कनिष्क ने शक संवत् का प्रारम्भ कब किया था?

कनिष्क बौद्ध धर्म का अनुयायी था।

कनिष्क बौद्ध धर्म के किस शाखा का अनुयायी था?

कनिष्क बौद्ध धर्म के महायान शाखा का अनुयायी था।

कुषाण वंश का सबसे प्रतापी शासक कनिष्क था।

चतुर्थ बौद्ध संगीति कनिष्क के शासनकाल में आयोजित हुई थी।

चिकित्सक चरक कनिष्क का दरबारी था।

तक्षशिला में सिरकप नगर की स्थापना कनिष्क ने की थी।

प्रसिद्ध विद्वान नागार्जुन को कनिष्क का संरक्षण प्राप्त था।

बुद्ध के अवशेषों पर कनिष्क ने पेशावर में एक स्तूप एवं मठ का निर्माण कराया था।

बुद्ध के अवशेषों पर कनिष्क ने पेशावर में क्या निर्माण कराया था?

बौद्ध धर्म के प्रचार में विशिष्ट योगदान देने वाले नामों में अशोक, मिनाण्डर, कनिष्क एवं हर्षवर्द्धन थे।

भगवान बुद्ध की मूर्तिरुप में पूजा कनिष्क के समय में होने लगी थी।

मथुरा से कनिष्क के समय की एक सिररहित मूर्ति प्राप्त हुई थी।

मथुरा से प्राप्त कनिष्क की एक सिर रहित मूर्ति पर ‘महाराज राजाधिराजा देवपुत्रों कनिष्कों’ अंकित है।

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