कल्याणी

‘बिल्हण’ और ‘मिताक्षरा’ के लेखक विज्ञानेश्वर कल्याणी चालुक्य विक्रमादित्य षष्ठ के दरबार में रहते थे।

कल्याणी के चालुक्य वंश का अन्तिम शासक तैलप तृतीय का पुत्र सामेश्वर चतुर्थ था।

कल्याणी के चालुक्य वंश का महानतम शासक विक्रमादित्य षष्ठ था।

कल्याणी के चालुक्य वंश का संस्थापक तैलप द्वितीय था।

कल्याणी के चालुक्य शासक तैलप द्वितीय का शासनकाल 973 ई० से 997 ई० तक था।

कल्याणी के चालुक्य शासक तैलप द्वितीय ने अश्वमल और भुवनैकमल्ल की उपाधियां धारण की है।

कल्याणी के चालुक्य शासक सोमेश्वर तृतीय का शासनकाल 1126 ई० से 1138 ई० तक था।

कल्याणी के चालुक्य शासक सोमेश्वर प्रथम ने अपनी राजधानी मान्यखेत से कल्याणी में स्थानान्तरित किया था।

कल्याणी के चालुक्य सोमेश्वर प्रथम 1043 ई० में शासक बना था।

कल्याणी के चालुक्यों का पारिवारिक चिन्ह वराह था।

कल्याणी चालुक्य के शासक विक्रमादित्य षष्ठ का शासनकाल 1076 ई० से 1126 ई० तक था।

चोलों से पराजित होने के कारण कल्याणी चालुक्य सोमेश्वर प्रथम ने करूवती के पास तुंगभद्रा नदी में डूबकर आत्महत्या की थी।

विक्रमादित्य षष्ठ के बाद कल्याणी के चालुक्य वंश का शासक सोमेश्वर तृतीय बना था।

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