काकतीय

‘अनुमाकोंडा’ के हजार स्तम्भों वाले मन्दिर का निर्माण काकतीय शासक रुद्रदेव ने करवाया था।

काकतीय राज में कालामुख तथा पाशुपत धर्म प्रचलित था।

काकतीय वंश का सबसे शक्तिशाली राजा गणपतिदेव था।

काकतीय वंश की महिला शासिका कौन थी?

काकतीय वंश की महिला शासिका रानी रुद्राम्बा थी।

काकतीय वंश की रानी रुद्राम्बा किस राज्य की महिला शासिका थी?

काकतीय वंश की रानी रुद्राम्बा द्वारसमुद्रम् राज्य की महिला शासिका थी।

काकतीय वंश के शासक पश्चिमी चालुक्य शासक के सामन्त थे।

काकतीय शासक गणपतिदेव ने अपनी राजधानी वारंगल में स्थापित की थी।

काकतीय शासक प्रतापरुद्रदेव मुहम्मद तुगलक से पराजित हुआ तथा बंदी बना लिया गया था।

काकतीय शासक प्रोल द्वितीय ने अपने को चालुक्यों से स्वतंत्र घोषित किया था।

काकतीय शासक रुद्रदेव ने अपनी राजधानी अमकोण्ड में बनाई थी।

मुहम्मद तुगलक ने प्रतापरुद्रदेव को पराजित कर काकतीय राज्य को दिल्ली सल्तनत में सम्मिलित कर लिया था।

रुद्राम्बा देवी काकतीय शासक गणपितदेव की पुत्री थी।

रुद्राम्बादेवी किस काकतीय शासक की पुत्री थी?

वारंगल के काकतीय वंश का अन्तिम शासक कौन था?

वारंगल के काकतीय वंश का अन्तिम शासक प्रतापरुद्रदेव था।

वारंगल के काकतीय वंश का शासनकाल 1000 ईसवी से 1323 ईसवी तक था।

वारंगल के काकतीय वंश का शासनकाल कब से कब तक था?

वारंगल के काकतीय वंश का संस्थापक कौन था?

वारंगल के काकतीय वंश का संस्थापक बेतराज प्रथम था।

हरिहर एवं बुक्का किस काकतीय शासक के सेवक थे?

हरिहर एवं बुक्का प्रतापरुद्रदेव काकतीय शासक के सेवक थे।

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