जैन संगीति

द्वितीय जैन संगीति 512 ईसवी में हुई थी।

द्वितीय जैन संगीति का कार्य धर्म ग्रंथों को अन्तिम रूप से संकलित कर लिपिबद्ध किया गया था।

द्वितीय जैन संगीति का स्थल वल्लभी में था।

द्वितीय जैन संगीति के अध्यक्ष देवर्धिक्षमाश्रमण थे।

प्रथम जैन संगीति कब हुई थी?

प्रथम जैन संगीति का मुख्य कार्य 12 अंगों का प्रणयन, जैन धर्म का दो भागों में विभाजन था।

प्रथम जैन संगीति का स्थल पाटलिपुत्र में था।

प्रथम जैन संगीति के अध्यक्ष स्थूलभद्र थे।

प्रथम जैन संगीति के समय चन्द्रगुप्त मौर्य का शासन था।

प्रथम जैन संगीति लगभग 300 ईसा पूर्व हुई थी।

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