दिष्टकारी

अर्द्ध तरंग दिष्टकारी उस सरल दिष्टकारी को कहते है जिसमें केवल एक ही डायोड होता है।

अर्द्ध तरंग दिष्टकारी किसे कहते है?

अर्द्ध तरंग दिष्टकारी में एक डायोड होता है।

अर्द्ध तरंग दिष्टकारी में कितने डायोड होते है?

कार्य के अनुसार दिष्टकारी कितने प्रकार के होते है?

कार्य के अनुसार दिष्टकारी दो प्रकार का होता है।

कार्य के अनुसार दिष्टकारी दो प्रकार के होते है।

दिष्टकारी (rectifier) किसे कहते हैं?

दिष्टकारी एक विद्युतीय उपकरण है जिसका उपयोग प्रत्यावर्ती धारा को दिष्ट धारा में रूपान्तरित करने के लिए किया जाता है।

दिष्टकारी कितने प्रकार का होता है?

दिष्टकारी कितने प्रकार की होती है?

दिष्टकारी क्या है?

दिष्टकारी दो प्रकार का होता है।

दिष्टकारी दो प्रकार की होती है।

पूर्ण तरंग दिष्टकारी एक सरल दिष्टकारी को कहते है जो प्रत्यावर्ती धारा के दोनों अर्द्धचक्रों को दिष्ट धारा में परिवर्तित कर देता है।

पूर्ण तरंग दिष्टकारी में कितने डायोड होते है?

पूर्ण तरंग दिष्टकारी में दो डायोड होते है।

वह दिष्टकारी जो प्रत्यावर्ती धारा के केवल अर्द्धतरंग को ही दिष्ट धारा में परिवर्तित करता है, उसे अर्द्ध तरंग दिष्टकारी कहते है।

वह दिष्टकारी जो प्रत्यावर्ती धारा के केवल अर्द्धतरंग को ही दिष्ट धारा में परिवर्तित करता है, उसे क्या कहते है?

वह दिष्टकारी जो प्रत्यावर्ती धारा के दोनों अर्द्धचक्रों को दिष्ट धारा में परिवर्तित करता है, उसे क्या कहते है?

वह दिष्टकारी जो प्रत्यावर्ती धारा के दोनों अर्द्धचक्रों को दिष्ट धारा में परिवर्तित करता है, उसे पूर्ण तरंग दिष्टकारी कहते है।

वह दिष्टकारी जो प्रत्यावर्ती वोल्टेज के केवल अर्द्धतरंग को ही दिष्ट वोल्टेज में परिवर्तित करता है, उसे अर्द्ध तरंग दिष्टकारी कहते है।

वह दिष्टकारी जो प्रत्यावर्ती वोल्टेज के केवल अर्द्धतरंग को ही दिष्ट वोल्टेज में परिवर्तित करता है, उसे क्या कहते है?

वह युक्ति जो प्रत्यावर्ती धारा को दिष्ट धारा में परिवर्तित करता है, उस युक्ति को दिष्टकारी (rectifier) कहते है।

वह युक्ति जो प्रत्यावर्ती वोल्टेज को दिष्ट वोल्टेज में परिवर्तित करता है, उस युक्ति को दिष्टकारी (rectifier) कहते है।

वह विद्युतीय उपकरण जिसका उपयोग प्रत्यावर्ती धारा को दिष्ट धारा में रूपान्तरित करने के लिए किया जाता है उस उपकरण को दिष्टकारी (rectifier) कहा जाता है।

वह सरल दिष्टकारी जिसमें केवल एक ही डायोड होता है, उसे अर्द्ध तरंग दिष्टकारी कहते है।

वह सरल दिष्टकारी जिसमें केवल एक ही डायोड होता है, उसे क्या कहते है?

वह सरल दिष्टकारी जिसमें दो डायोड होते है, उसे क्या कहते है?

वह सरल दिष्टकारी जिसमें दो डायोड होते है, उसे पूर्ण तरंग दिष्टकारी कहते है।

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