भगवान बुद्ध

अजन्ता की गुफा नम्बर-16 में द्वितीय अत्यंत महत्वपूर्ण चित्र में भगवान बुद्ध का गृह-त्याग के समय अपनी पत्नी एवं पुत्र का दृष्टिपात करते हुए चित्र अंकित है।

भगवान बुद्ध की मूर्तिरुप में पूजा कनिष्क के समय में होने लगी थी।

भगवान बुद्ध की मूर्तिरुप में पूजा किसके समय होने लगी थी?

महायान शाखा के अन्तर्गत भगवान बुद्ध की पूजा किस रुप में होने लगी थी?

महायान शाखा के अन्तर्गत भगवान बुद्ध की पूजा मूर्तिरुप में होने लगी थी।

सारनाथ में भगवान बुद्ध की प्रतिमा अपनी कला तथा भाव-भंगिमा के कारण अनुपम है।

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