Notes

जुलाई, 1967 में गोलकनाथ मामले में सहमति प्रकट की गई थी कि, प्रस्तावना संविधान निर्माताओं के मन की कुंजी है।

जुलाई, 1967 में गोलकनाथ मामले में सहमति प्रकट की गई थी कि, प्रस्तावना संविधान निर्माताओं के मन की कुंजी है।